हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के समीप गौला नदी से SDRF की टीम ने दो दिन तक चले रेस्क्यू अभियान के बाद ओखलकांडा ब्लॉक की निवासी श्रीमती तुलसी देवी का शव बरामद किया। घटना से गांव में मातम छा गया है।

गौला नदी से महिला का शव बरामद

गौला नदी से SDRF की टीम ने बरामद किया महिला का शव, गांव में पसरा मातम

हल्द्वानी (नैनीताल):

गौला नदी में पिछले दो दिनों से चल रहे रेस्क्यू अभियान का आज दुखद अंत हुआ। SDRF की टीम ने अथक प्रयासों के बाद ओखलकांडा ब्लॉक के ग्राम सभा बड़ौन, तोक बसोटिया निवासी श्रीमती तुलसी देवी का शव बरामद किया। यह घटना बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के समीप घटी, जिसने पूरे क्षेत्र को शोक और स्तब्धता में डाल दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कल से SDRF की टीम नदी में लगातार खोजबीन कर रही थी। नदी के तेज बहाव और पानी के दबाव के कारण अभियान चुनौतीपूर्ण रहा। लेकिन टीम ने बिना हार माने आज सुबह सफलता पाई और महिला का शव नदी से बाहर निकाला। शव की पहचान ग्राम सभा बड़ौन की निवासी श्रीमती तुलसी देवी के रूप में हुई।

SDRF की भूमिका

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) लगातार पहाड़ी क्षेत्रों और नदियों में होने वाली घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई के लिए जानी जाती है। इस बार भी SDRF ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद पूरी लगन और संवेदनशीलता के साथ कार्य किया। टीम ने रात-दिन खोज अभियान चलाया ताकि लापता महिला को जल्द से जल्द ढूंढा जा सके।

परिजनों का आक्रोश और दुख

शव बरामद होने की सूचना मिलते ही परिजन और ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंच गए। गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन को नदी किनारों पर सुरक्षा इंतजाम और मजबूत करने चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया

स्थानीय प्रशासन ने मृतक महिला के परिजनों को सांत्वना दी और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। उम्मीद जताई जा रही है कि शासन स्तर पर प्रभावित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी।

सामाजिक संवेदनाएं

श्रीमती तुलसी देवी के निधन पर स्थानीय समाजसेवियों, पंचायत प्रतिनिधियों और आस-पड़ोस के ग्रामीणों ने गहरा शोक व्यक्त किया। हर कोई यही कह रहा है कि यह गांव के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

नदी का खतरा और सावधानी

गौरतलब है कि बरसात के मौसम में गौला नदी का जलस्तर अक्सर बढ़ जाता है, जिससे आस-पास के गांवों के लोगों के लिए खतरा उत्पन्न हो जाता है। कई बार नदी के किनारों पर लोग अचानक हादसों का शिकार हो जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशासन को नदियों के किनारे चेतावनी बोर्ड और बैरिकेड्स लगाने चाहिए।

श्रद्धांजलि

इस दुखद घड़ी में हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को यह असहनीय दुख सहन करने की शक्ति मिले। पूरे क्षेत्र में इस घटना को लेकर गहरा शोक है |

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