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बुराड़ी बुध बाजार रोड सीवर और गंदगी से जूझती राजधानी |
दिल्ली के बुराड़ी बुध बाजार रोड की बदहाल तस्वीर जनता परेशान, नेताओं को नहीं परवाह
दिल्ली की सड़कों को लेकर अक्सर सरकारें दावे करती हैं कि राजधानी में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। लेकिन जब आप ज़मीनी हकीकत देखते हैं तो तस्वीर बिल्कुल उलटी नज़र आती है। उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके की बुध बाजार रोड इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। यहाँ की सड़कों की हालत इतनी खराब है कि स्थानीय लोग रोजाना नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। हाल ही में खींची गई तस्वीरों ने सच्चाई को उजागर कर दिया है कि कॉलोनी की मुख्य सड़क पर पानी और कचरे का अम्बार लगा हुआ है।
दिल्ली की सड़क का हाल
दिल्ली के बुराड़ी बुध बाजार रोड पर जगह-जगह सीवर का पानी जमा है। गंदगी इतनी अधिक है कि सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। इस सड़क से न केवल स्थानीय लोग गुजरते हैं बल्कि यहीं सब्ज़ी मंडी भी लगती है। सोचिए, जिस जगह से रोज़ाना सैकड़ों लोग सब्जियां और राशन खरीदने आते हैं, वही जगह गंदे पानी और कचरे से भरी पड़ी हो। यह स्थिति न केवल शर्मनाक है बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा भी बन चुकी है।
बरसात से पहले ही डूबा इलाका
तस्वीरों से साफ दिख रहा है कि यह हालात बिना बारिश के हैं। अब अंदाज़ा लगाइए कि बरसात में दिल्ली के इस इलाके की स्थिति कितनी भयावह होगी। लोगों के मुताबिक, जब बारिश होती है तो यह सड़क पूरी तरह तालाब में बदल जाती है। पानी भरने से न तो लोग निकल पाते हैं और न ही दुकानें सही से खुल पाती हैं। स्थानीय निवासी बताते हैं कि अक्सर उन्हें घुटनों तक पानी से होकर गुजरना पड़ता है।
स्थानीय निवासियों की परेशानी
दिल्ली के बुराड़ी इलाके के इस रोड के किनारे रहने वाले लोग हर दिन बदबू और गंदगी झेलने को मजबूर हैं। सीवर का पानी लंबे समय तक रुका रहता है जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा हर वक्त मंडराता है। बच्चे गंदे पानी में गिरने का डर रहता है और बुजुर्गों के लिए तो सड़क पर चलना और भी मुश्किल हो गया है।
राजनीति चमकती रही, जनता पिसती रही
बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि नेता सिर्फ राजनीति चमकाने में लगे रहते हैं। चुनाव आते ही गली-गली घूमकर वोट मांगने वाले नेता अब लोगों की समस्याओं को देखने तक नहीं आते। नगर निगम से लेकर विधायक तक सभी के पास शिकायतें दर्ज कराई गईं लेकिन स्थिति जस की तस है।
व्यापारियों की मुश्किलें
दिल्ली की सब्जी मंडी और आसपास की दुकानों पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। व्यापारी बताते हैं कि ग्राहक गंदगी और बदबू के कारण यहां आना पसंद नहीं करते। जो लोग आते भी हैं, वे जल्दी-जल्दी खरीदारी करके निकल जाते हैं। इससे कारोबार पर सीधा असर पड़ रहा है।
स्वास्थ्य पर खतरा
सड़क पर गंदा पानी और कचरे का ढेर केवल बदबू और गंदगी ही नहीं फैलाता बल्कि बीमारियों का घर बन चुका है। दिल्ली जैसे बड़े शहर में यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार गंदगी और सीवर का पानी संक्रमण को जन्म देता है। इससे लोगों को त्वचा रोग, डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों का खतरा है।
जिम्मेदार कौन?
यह सवाल हर नागरिक पूछ रहा है कि आखिर इस हालत का जिम्मेदार कौन है?
- नगर निगम दिल्ली: सफाई व्यवस्था पूरी तरह निगम की जिम्मेदारी है, लेकिन यहां कोई नियमित सफाई नहीं होती।
- विधायक और पार्षद: विकास कार्य और सीवर-सड़क की देखरेख इन जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है, लेकिन दोनों ही नदारद हैं।
- प्रशासन: अगर हालात इतने खराब हैं तो दिल्ली प्रशासन को भी हस्तक्षेप करना चाहिए, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
जनता की मांग
स्थानीय लोग बार-बार यही मांग कर रहे हैं कि:
- दिल्ली के इस इलाके की सड़क को तुरंत दुरुस्त किया जाए।
- सीवर और नाली की सही सफाई की जाए।
- कचरे के ढेर को नियमित रूप से उठाया जाए।
- बरसात से पहले स्थायी समाधान निकाला जाए।
दिल्ली के बुराड़ी की बुध बाजार रोड की तस्वीरें केवल एक सड़क की हालत नहीं दिखातीं, बल्कि यह पूरे सिस्टम की विफलता की कहानी कहती हैं। राजधानी दिल्ली की मुख्य सड़कों में से एक पर अगर यह हाल है तो बाकी जगहों का अंदाजा लगाया जा सकता है। सवाल यह है कि कब तक लोग इस नारकीय जीवन को झेलते रहेंगे और कब नेता व प्रशासन वास्तव में जनता की समस्याओं पर ध्यान देंगे?



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