प्रज्ज्वल रेवण्णा को रेप केस में उम्रकैद और जुर्माना

1. पृष्ठभूमि

  • प्रज्ज्वल रेवण्णा, जो कि पूर्व सांसद (JDS) और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा के पौत्र हैं, को बलात्कार एवं यौन उत्पीड़न के एक ख़ास मामले में दोषी ठहराया गया  ।
  • इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायालय (MP/MLA कोर्ट), बेंगलुरु में हुई थी, जो सार्वजनिक प्रतिनिधियों के मामलों के लिए नियुक्त है  ।


2. दोषसिद्धि एवं सज़ा

  • १ अगस्त 2025 को दोषसिद्धि हुई और अगले दिन २ अगस्त 2025 को सजा की घोषणा की गई  ।
  • कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (IPC) और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत प्रज्ज्वल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई  ।
  • साथ ही ₹10 लाख का जुर्माना लगाया गया (कुछ खबरों में ₹5 लाख जुर्माना बताया गया है; लेकिन विशेष न्यायालय द्वारा कुल ₹10 लाख की राशि पीड़िता को मुआवज़े के रूप में देने का आदेश दिया गया था)  ।


3. प्रकरण की विशेषताएं और साक्ष्य

  • आरोप था कि वह 2021 में घर में घरेलू कामगार के साथ दो बार रेप कर चुका था – एक बार ग्राउंड घटना, एक बार बेंगलुरु रेजिडेंस में। ये सभी क्रियाएँ उसने अपने मोबाइल फोन से रिकॉर्ड की थीं  ।
  • कोर्ट में पीड़िता की गवाही, मेडिकल रिपोर्ट, डीएनए व फॉरेंसिक साक्ष्य के अलावा एक साड़ी भी पेश की गई जिसमें स्पर्म के निशान पाए गए थे, जो निर्णायक सबूत साबित हुए  ।
  • कुल चार मामले दर्ज थे, और आज इस सजा के साथ एक मामले में सजा लागू हुई है; बाकी मामलों में भी कानूनी प्रक्रिया चल रही है  ।


4. न्यायालय में प्रतिक्रिया / भावनात्मक क्षण

  • सजा सुनते ही प्रज्ज्वल कोर्ट में भावुक हो गए और फूट-फूटकर रो पड़े; उन्होंने कहा, “मेरी एकमात्र गलती …”  ।
  • यह क्षण न्यायालयीय मर्यादा और संभावित पछतावे का भाव दर्शाता है।

5. राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

  • यह मामला देवगौड़ा परिवार के राजनीतिक चमकते चेहरे के लिए भयंकर धक्का साबित हुआ है; इसने भारतीय राजनीति और न्याय व्यवस्था में नैतिकता व जवाबदेही पर नए सवाल खड़े किए हैं  ।
  • समाज और राजनीतिक समुदाय में यह स्पष्ट संकेत गया है कि शक्तिशाली पदों पर बैठने वालों के लिए कोई सहिष्णुता नहीं है, चाहे वे किसी प्रतिष्ठित परिवार से जुड़े हों  ।


✍️ निष्कर्ष

विशेष न्यायालय के इस फैसले ने एक उच्च‑प्रोफ़ाइल मामले में स्पष्ट संदेश दिया है: सत्ता, पहचान या प्रभाव का कोई बचाव नहीं—कानून सभी के लिए समान है। इस घटना ने राजनीतिक परिवार की छवि को गहरा आघात पहुंचाया है और न्याय प्रणाली की सख्ती को प्रतिविम्बित किया है।

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