🚆 उत्तराखंड में 170 किमी लंबी नई रेल रूट की तैयारी, पर्यटन और व्यापार को मिलेगा बड़ा लाभ
उत्तराखंड सरकार एक और काल्पनिक रेल परियोजना की तैयारी कर रही है — कर्णप्रयाग रेल मार्ग की सफलता के बाद अब टनकपुर से बागेश्वर तक 170 किलोमीटर लंबी रेल लाइन (NTN) बनाने की योजना बनाई गई है। इस योजना को केंद्र सरकार की मंज़ूरी मिलने की प्रक्रिया चल रही है। इस परियोजना से दूरदराज़ इलाक़ों में नगर‑नगर रेल सुविधा पहुंचेगी, जो पर्यटन और व्यापार दोनों को मजबूती प्रदान करेगी।
राज्य सरकार ने इस योजना को तेजी से लागू करने के लिए सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने का निर्देश जारी किया है।
🌟 इस योजना के महत्व और प्रभाव
- पहाड़ी क्षेत्रों में रेल सुविधाओं का विस्तार
टनकपुर-बागेश्वर रेल रूट से बागेश्वर, पिथौरागढ़ और आसपास के इलाकों का कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे लोकल यात्रा और आर्थिक गतिविधियाँ सुगम होंगी। - पर्यटन को मिलेगा तेज़ी से बढ़ावा
हिमालयी सुंदरता वाले क्षेत्रों में यात्रियों की संख्या में वृद्धि, रोजगार सृजन व स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार संभव है। - झारखंड से संबंधित योजनाओं में उपलब्धता
राज्य सरकार स्वयं इस परियोजना को लागू करने के लिए बाध्य है और केंद्र से ध्यान देने की अपील की है — जिससे साल 2026 तक कर्णप्रयाग मार्ग पूरा होने के बाद यह रूट भी समयबद्ध रूप से विकसित किया जा सके। - राजनीतिक दृष्टिकोण से रणनीतिक प्लानिंग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस परियोजना को राज्य‑देश स्तर पर विकास की दिशा में एक मील का पत्थर बताया है।
📋 सारांश तालिका
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प्रभाव क्षेत्र |
विवरण |
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परियोजना मार्ग |
टनकपुर — बागेश्वर (~170 किमी) |
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मंजूरी की स्थिति |
केंद्र से प्रारंभिक सहमति मिलने की प्रतीक्षा |
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प्राथमिकता |
पहाड़ी क्षेत्रों में रेल सुविधा का विस्तार |
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लाभ |
पर्यटन, व्यापार, स्थानीय कनेक्टिविटी वृद्धि |
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लक्ष्य समय सीमा |
कर्णप्रयाग रूट की तरह 2026 तक पूर्ण होना |

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