उत्तराखंड के चंपावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र से आज सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे की खबर सामने आई है। सीमांत क्षेत्र डूंगरा बोरा में आज , 4 नवंबर की सुबह लगभग 9 बजे एक वैगनआर कार अनियंत्रित होकर करीब 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे की आवाज सुनते ही आसपास के ग्रामीण मौके की ओर दौड़े और बचाव कार्य शुरू किया। इस हादसे में महिला सहित दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया है। घायल व्यक्ति को तत्काल लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए भेजा गया।
जानकारी के अनुसार, हादसे का कारण वाहन का अनियंत्रित होना बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कार सड़क के मोड़ पर असंतुलित हो गई और देखते ही देखते गहरी खाई में जा गिरी। खाई की गहराई करीब 200 मीटर बताई जा रही है, जिसके कारण कार के परखच्चे उड़ गए। हादसे की सूचना स्थानीय लोगों ने पुलिस और प्रशासन को दी, जिसके बाद लोहाघाट पुलिस, राजस्व विभाग की टीम और आपदा प्रबंधन दल मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू अभियान शुरू किया।
रेस्क्यू टीम ने कई घंटों की मशक्कत के बाद दोनों शवों को खाई से बाहर निकाला, जबकि घायल व्यक्ति को स्ट्रेचर के सहारे ऊपर लाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि खाई इतनी गहरी थी कि नीचे उतरना बेहद मुश्किल था। ग्रामीणों ने रस्सियों की मदद से नीचे उतरकर घायलों को निकाला। ग्रामीणों की सक्रियता और साहस के कारण रेस्क्यू जल्दी पूरा हो सका। हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है।
मृतकों की पहचान फिलहाल पुलिस द्वारा की जा रही है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कार में सवार लोग किसी पारिवारिक कार्य से बाहर जा रहे थे। रास्ते में मोड़ पर वाहन का संतुलन बिगड़ने से यह बड़ा हादसा हुआ। लोहाघाट पुलिस ने बताया कि मौके से शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है। वाहन के नंबर और मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मार्ग पर पहले भी कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। सड़क संकरी और तीव्र मोड़ों वाली है, जिसके कारण वाहनों को संभालना मुश्किल होता है। कई बार प्रशासन को यहां पर सुरक्षा रेलिंग लगाने और सड़क चौड़ीकरण की मांग की गई है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सड़क किनारे सुरक्षा दीवार होती, तो यह हादसा शायद टल सकता था।
लोहाघाट के प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि हादसे के बाद क्षेत्र में सुरक्षा उपायों की समीक्षा की जाएगी। साथ ही घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को सांत्वना देते हुए सरकारी मदद देने का आश्वासन दिया है।
घटना के बाद से पूरे डूंगरा बोरा क्षेत्र में मातम का माहौल है। लोग दुख व्यक्त कर रहे हैं और सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं। इस तरह के लगातार होते हादसे यह सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि पहाड़ी इलाकों में यात्रा करते समय सुरक्षा मानकों का पालन और भी कड़ाई से किया जाए।
फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और दुर्घटना के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। लोहाघाट उपजिला चिकित्सालय में घायल का उपचार जारी है, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी में है।
यह हादसा फिर एक बार पहाड़ी सड़कों की खतरनाक स्थिति और सतर्कता की आवश्यकता की याद दिलाता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस क्षेत्र में जल्द से जल्द सड़क मरम्मत और सुरक्षा अवरोधक लगाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसे न हों।
लोहाघाट का डूंगरा बोरा हादसा न केवल दो परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुंचा गया, बल्कि यह प्रशासन और समाज दोनों के लिए एक चेतावनी भी है कि सुरक्षा मानकों को नज़रअंदाज़ करने की कीमत कितनी भारी हो सकती है।


0 Comments