रेखा गुप्ता ने किया स्वदेशी उत्सव का उद्घाटन, कहा— स्वदेशी अपनाना देश की मेहनत और आत्मनिर्भरता को सम्मान देना है

कर्तव्य पथ पर ‘स्वदेशी उत्सव’ का शुभारंभ रेखा गुप्ता बोलीं, अबकी बार दिल्ली की दिवाली स्वदेशी वाली

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर 2025:

राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आज स्वदेशी भावना और भारतीय परंपरा का भव्य संगम देखने को मिला, जब दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित ‘स्वदेशी उत्सव’ का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत के आत्मविश्वास, परंपरा और स्वाभिमान का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि “स्वदेशी उत्सव केवल एक मेला या प्रदर्शनी नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का उत्सव है  वह आत्मा जो अपनी मिट्टी, अपने श्रम और अपने कारीगरों के सम्मान में धड़कती है।”

कर्तव्य पथ पर आयोजित यह उत्सव पारंपरिक हस्तशिल्प, हस्तकरघा, स्वदेशी उत्पादों और स्थानीय कारीगरों के परिश्रम का जीवंत प्रदर्शन बना। देशभर से आए शिल्पकारों, बुनकरों और उद्यमियों ने अपने हुनर और परंपरागत कलाओं की झलक प्रस्तुत की। कार्यक्रम का उद्देश्य “वोकल फॉर लोकल” के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को जन-जन तक पहुंचाना है।

रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश से आह्वान किया है कि हम स्वदेशी अपनाएं, क्योंकि जब हम स्वदेशी चुनते हैं, तब हम केवल वस्तुएं नहीं खरीदते, बल्कि अपने देश की मेहनत, प्रतिभा और पहचान को अपनाते हैं।”

दीपावली के निकट आते इस उत्सव में स्वदेशी थीम पर आधारित दीये, मिट्टी के बर्तन, हैंडमेड कपड़े, पारंपरिक आभूषण और जैविक उत्पाद विशेष आकर्षण का केंद्र बने। रेखा गुप्ता ने कहा कि “स्वदेशी का हर दीपक हमारे कारीगरों की मेहनत की रौशनी है, हर दीया भारत की मिट्टी की महक है और हर खरीद आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता हुआ एक कदम।”

उन्होंने आगे कहा कि जब भी कोई व्यक्ति स्वदेशी वस्तु खरीदता है, तो वह किसी न किसी भारतीय परिवार के जीवन में आशा की ज्योति जलाता है। यही सच्चा राष्ट्र निर्माण है  जब हर नागरिक अपने उपभोग को भी राष्ट्र सेवा का माध्यम बना ले।

‘अबकी बार दिल्ली की दिवाली स्वदेशी वाली’ का संकल्प

रेखा गुप्ता ने उपस्थित नागरिकों से अपील की कि इस दीपावली पर हर दिल्लीवासी स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दे। उन्होंने कहा, “आइए, इस दीपावली पर हम सब मिलकर यही संकल्प लें कि अबकी बार दिल्ली की दिवाली स्वदेशी वाली हो। यह न केवल हमारी परंपरा का सम्मान है बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक सशक्त कदम भी है।”

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जी के ‘लोकल फॉर वोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे अभियानों ने देश के करोड़ों कारीगरों, उद्यमियों और महिलाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर किया है। अब देश का हर कोना नवाचार, हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादन की शक्ति से आत्मनिर्भर बन रहा है।

उत्सव में दिल्ली और देशभर से आए कारीगरों को मंच प्रदान किया गया। उनकी हस्तनिर्मित वस्तुएं, पारंपरिक वस्त्र, मिट्टी के दीपक, लोक कलाएं और खाद्य उत्पादों को देखकर दर्शक अभिभूत हुए। रेखा गुप्ता ने कहा कि “ये कारीगर हमारे समाज की रचना के वास्तविक निर्माता हैं। उनके हाथों की मेहनत और उनकी कला ही भारत की पहचान है। स्वदेशी को अपनाना, दरअसल उनके परिश्रम को सम्मान देना है।”

उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे त्योहारी खरीदारी में विदेशी उत्पादों के बजाय स्थानीय कारीगरों की वस्तुओं को प्राथमिकता दें। इससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था सशक्त होगी बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

इस अवसर पर दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री मनजिंदर सिंह सिरसा सहित अनेक गणमान्य व्यक्तित्व, सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी संगठन और महिला उद्यमी मौजूद रहे। सभी अतिथियों ने स्वदेशी उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और भारतीय संस्कृति की झलक को सराहा। कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों की लोककलाओं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने समां बांधा।

रेखा गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत आज आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से अग्रसर है। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं ने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है। स्वदेशी उत्सव इसी आत्मनिर्भर भारत की भावना का उत्सव है, जो देश की परंपरा और आधुनिकता के बीच एक अद्भुत संतुलन बनाता है।

कर्तव्य पथ पर आयोजित स्वदेशी उत्सव केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प का प्रतीक बना। रेखा गुप्ता की प्रेरक उपस्थिति और उनके विचारों ने लोगों में स्वदेशी के प्रति नया उत्साह जगाया। यह आयोजन इस बात का सशक्त संदेश देता है कि जब हर भारतीय “वोकल फॉर लोकल” बनेगा, तभी “विकसित भारत 2047” का सपना साकार होगा।

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