रुद्रप्रयाग हादसा खेत जाते समय 62 वर्षीय महिला पर गुलदार का हमला, ग्रामीणों ने बचाया, पूरे क्षेत्र में दहशत और सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

रुद्रप्रयाग में गुलदार का हमला 62 वर्षीय महिला घायल, गांव में दहशत का माहौल 

रुद्रप्रयाग में गुलदार का हमला, 62 वर्षीय महिला गंभीर रूप से घायल  क्षेत्र में दहशत

रुद्रप्रयाग जनपद के अंतर्गत डालसिंगी (खोलई) गांव में शुक्रवार शाम को एक बेहद दर्दनाक और दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां 62 वर्षीय दिनेश्वरी देवी पत्नी सोवत सिंह भंडारी पर गुलदार ने अचानक हमला कर दिया। यह घटना उस समय हुई जब वह अपने दैनिक कार्यों के लिए खेत की ओर जा रही थीं। अचानक झाड़ियों से निकले गुलदार ने उन पर झपट्टा मारा और बुरी तरह घायल कर दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शाम करीब साढ़े तीन बजे दिनेश्वरी देवी घर से निकली थीं। वह खेतों की ओर बढ़ ही रही थीं कि झाड़ियों के पीछे घात लगाए बैठे गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। महिला के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और शोर मचाकर किसी तरह गुलदार को वहां से भगाया। स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत के बाद घायल महिला को उसके चंगुल से छुड़ाया और उपचार के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।

गंभीर दहशत का माहौल

इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से गुलदार को गांव के आस-पास देखा जा रहा था। लेकिन वन विभाग की ओर से इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। लोगों का आरोप है कि विभाग की लापरवाही के चलते ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं और अब ग्रामीण भयभीत होकर घर से बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं।

गांव के लोगों ने प्रशासन और वन विभाग से मांग की है कि तत्काल क्षेत्र में पिंजरे लगाए जाएं और गुलदार की सक्रियता पर रोक लगाई जाए। साथ ही गांव में गश्त बढ़ाने और जागरूकता कार्यक्रम चलाने की भी मांग की जा रही है।

महिला की हालत और उपचार

डॉक्टरों के अनुसार, दिनेश्वरी देवी के शरीर पर गहरे जख्म आए हैं। उनके हाथ और पैर पर चोटें गंभीर हैं। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल उनकी हालत स्थिर है लेकिन उन्हें कुछ दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा।

लगातार बढ़ रहा गुलदार का आतंक

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में गुलदार के हमले कोई नई बात नहीं हैं। आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं। कभी खेतों में काम करने वाली महिलाओं पर हमला, तो कभी मासूम बच्चों को निशाना बनाना – इस तरह की घटनाओं ने ग्रामीणों की नींद हराम कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों में भोजन की कमी और मानव बस्तियों के विस्तार के चलते जंगली जानवर अब गांवों की ओर रुख कर रहे हैं।

ग्रामीणों की पीड़ा

गांववालों का कहना है कि दिन में भी खेतों में काम करना अब मुश्किल हो गया है। बच्चे स्कूल जाने से डर रहे हैं और महिलाएं अकेले खेतों में नहीं जा पा रही हैं। लोग सामूहिक रूप से ही खेतों में जाने की हिम्मत कर पा रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे सामूहिक आंदोलन करेंगे।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि गांव के आसपास पिंजरे लगाए जाएंगे और ट्रैकिंग टीम तैनात की जाएगी ताकि गुलदार की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। साथ ही घायल महिला के इलाज का पूरा खर्च प्रशासन द्वारा उठाने की भी बात कही गई है।

रुद्रप्रयाग की यह घटना न केवल एक महिला के लिए पीड़ा का कारण बनी है बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए डर और असुरक्षा की भावना लेकर आई है। पहाड़ी इलाकों में गुलदार का आतंक कोई नई समस्या नहीं है, लेकिन प्रशासन और वन विभाग की त्वरित और प्रभावी कार्यवाही ही ऐसी घटनाओं पर रोक लगा सकती है। फिलहाल ग्रामीणों की यही मांग है कि उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि वे निडर होकर अपने दैनिक कार्य कर सकें।

 कुल मिलाकर, डालसिंगी (खोलई) गांव की यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि कब तक ग्रामीण इस तरह के हमलों का शिकार होते रहेंगे और कब उन्हें इस आतंक से राहत मिलेगी?

Post a Comment

0 Comments

Comments