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बुराड़ी हॉस्पिटल रोड पर तालाब जैसे हालात! |
बुराड़ी हॉस्पिटल रोड पर बारिश से जलभराव, राहगीरों को भारी परेशानी
दिल्ली के बुराड़ी हॉस्पिटल रोड पर हुई बारिश से सड़कें पानी में डूब गईं। जलभराव से वाहन चालकों और स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्रशासन पर उठ रहे सवाल। पढ़ें पूरी खबर।
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सड़क बनी तालाब, फंसे राहगीर |
दिल्ली में हर साल बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या आम हो जाती है। लेकिन इस बार बुराड़ी क्षेत्र की स्थिति और भी खराब देखने को मिली। बीते दिन हुई तेज़ बारिश के बाद बुराड़ी हॉस्पिटल रोड पर सड़कें पूरी तरह पानी में डूब गईं। हालात ऐसे थे कि गाड़ियां, बाइक और रिक्शा तक पानी में फंसते हुए दिखाई दिए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि थोड़ी-सी बारिश होते ही यह इलाका पानी-पानी हो जाता है। नाले और सीवर की सफाई समय पर न होने के कारण पानी की निकासी संभव नहीं हो पाती और सड़कें तालाब में बदल जाती हैं।
वाहन चालकों की मुश्किलें
बारिश के बाद सड़क पर जमा पानी वाहन चालकों के लिए सबसे बड़ी परेशानी बना। दोपहिया वाहन सवारों को अपनी बाइक संतुलित करना मुश्किल हो रहा था। ऑटो और ई-रिक्शा चालक भी पानी में धीरे-धीरे गाड़ी चलाने को मजबूर थे।
चारपहिया वाहन चालकों को भी खासा दिक्कत का सामना करना पड़ा। कई जगह गाड़ियों के इंजन बंद हो गए। इससे जाम की स्थिति बनी रही और लोगों को घंटों फंसे रहना पड़ा।
स्थानीय लोगों की नाराजगी
बुराड़ी के निवासियों का कहना है कि यह समस्या हर साल दोहराई जाती है, लेकिन इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकलता। लोग आरोप लगा रहे हैं कि नगर निगम और संबंधित विभाग समय पर नालियों की सफाई नहीं करते, जिसके कारण हल्की बारिश भी तबाही मचा देती है।
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि जलभराव के कारण उनकी दुकानें और कारोबार प्रभावित होते हैं। कई बार पानी दुकानों के अंदर घुस जाता है, जिससे सामान खराब हो जाता है।
स्वास्थ्य सेवाओं पर असर
बुराड़ी हॉस्पिटल रोड का नाम सुनते ही यह सवाल भी उठता है कि अस्पताल जाने वाले मरीजों और एंबुलेंस सेवाओं पर इसका क्या असर पड़ा होगा। पानी भरने से अस्पताल जाने वाले रास्ते जाम हो गए और एंबुलेंस जैसी ज़रूरी सेवाओं की रफ्तार भी धीमी हो गई।
यह स्थिति न सिर्फ मरीजों के लिए खतरनाक है, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है।
प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल
दिल्ली के लोग बार-बार प्रशासन से यह उम्मीद करते हैं कि जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए। लेकिन हर साल बारिश में यही हालात देखने को मिलते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नेताओं और अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई जाती है, मगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। इससे आम जनता को ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
सड़क सुरक्षा पर खतरा
पानी से भरी सड़कों पर गड्ढों और खुले मैनहोल का खतरा भी बना रहता है। रात के अंधेरे में यह और भी खतरनाक हो जाता है। कई बार वाहन चालक पानी में गड्ढे का अंदाजा नहीं लगा पाते और हादसों का शिकार हो जाते हैं।
बाइक सवारों के फिसलने और बच्चों के गिरने की घटनाएं आम हो जाती हैं। यह स्थिति लोगों की जान के लिए खतरा बन सकती है।
जनता की मांग
स्थानीय लोग चाहते हैं कि सरकार और नगर निगम समय रहते नालों की सफाई करे और जल निकासी की सही व्यवस्था बनाए। इसके साथ ही बुराड़ी हॉस्पिटल रोड जैसे महत्वपूर्ण मार्गों पर बारिश से पहले और बाद में नियमित निरीक्षण हो।
लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि अगर इस समस्या को जल्द हल नहीं किया गया तो आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा।
बुराड़ी हॉस्पिटल रोड पर बारिश से हुआ जलभराव यह साबित करता है कि दिल्ली जैसे बड़े शहर में भी बुनियादी सुविधाओं की कमी है। हर साल बरसात के साथ यह समस्या सामने आती है और लोगों की परेशानी बढ़ाती है।
प्रशासन को चाहिए कि वह इस ओर तुरंत ध्यान दे और स्थायी समाधान खोजे, ताकि आने वाले समय में बुराड़ी जैसे इलाकों के लोग बारिश का नाम सुनते ही परेशान न हों।
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