Uttarkashi Cloudburst: धराली में तबाही पूरा हाल
घटना का परिचय
- 5 अगस्त, 2025 को धाराली गाँव (उत्तकाशी, उत्तराखंड) में अचानक एक भीषण cloudburst हुआ, जिसके कारण केयर गंगा नदी के निचले हिस्से में तेज बाढ़ और भूस्खलन आया। घर, होटल, दुकानें बर्सात के पानी में बह गईं।
- इससे कम से कम 4 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि दर्जनों लोग लापता बताए जा रहे हैं।
प्रभावित संरचनाएं
- लगभग 20‑25 होटल और होमस्टे, साथ ही कई व्यावसायिक इमारतें, पूरी तरह बह गईं। कुछ घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
- प्रभावित क्षेत्र में बुनियादी सेवा जैसे बिजली और दूरसंचार बाधित हो गई।
राहत–बचाव कार्य
- भारतीय सेना (Ibex Brigade, Harshil पोस्ट से लगभग 4 km दूर), SDRF, NDRF और ITBP ने लगभग 150 कर्मियों के साथ 10 मिनट में मौके पर पहुँचकर बचाव अभियान शुरू किया। अब तक 15–20 लोग बचाए गए, जबकि घायल लोगों का इलाज Harshil में चल रहा है।
- घरेलू नेता, मंत्री, और सरकार सभी सक्रिय हैं:
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत एवं बचाव को “war footing” पर बताया।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुःख व्यक्त किया और केंद्र सरकार की मदद का दावा किया।
- गृह मंत्री अमित शाह ने तीन ITBP टीमें और चार NDRF दल भेजे जाने की पुष्टि की और तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया।
अलर्ट और सुरक्षा उपाय
- भारत मौसम विभाग (IMD) ने पूरे उत्तराखंड में लाल अलर्ट जारी किया, आगामी 5‑10 अगस्त तक भारी बारिश की आशंका जताई है।
- स्थानीय प्रशासन ने गाँववासियों को नदी और खड़ी ढलानों से दूर रहने की चेतावनी दी है और यात्रा खतरनाक क्षेत्रों में अकारण न जाने की सलाह दी है।
दृश्य और साक्ष्य
- कई videos और तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें पानी‑कंकड़ का भयंकर प्रवाह देखते हुए लोग भागते देखे गए और “Everything is finished” जैसे निष्प्रेरक वाक्य सुने गए।
- Before‑and‑After aerial images ने बताया कि लगभग अर्धसंख्या घर बर्बाद हो चुकी है, और इलाके का दृश्य पूरी तरह बदल चुका है।
संक्षिप्त रिपोर्ट तालिका
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पहलू |
विवरण |
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तारीख |
5 अगस्त, 2025 (मंगलवार) |
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क्षेत्र |
धाराली गाँव, केयर गंगा घाटी, उत्तरकाशी जिला |
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मृतक |
कम से कम 4; कई लापता/अधःवस्तु में मौजूद |
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नुकसान |
20–25 होटल/गेस्टहाउस, घर, दुकानें, सड़कें |
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बचाव दल |
Army (Ibex Brigade), SDRF, NDRF, ITBP टीम्स |
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घायलों की स्थिति |
Harshil मेडिकल सुविधा में इलाज |
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सरकारी कार्रवाई |
केंद्रीय और राज्य सरकार ने मिलकर बचाव शुरू, चेतावनी जारी |
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मौसम पूर्वानुमान |
5–10 अगस्त तक भारी बारिश के लिए RED ALERT |
निष्कर्ष टिप्पणी
यह आपदा बुलंद हिमालयी इलाके में जलवायु परिवर्तन और कमजोर ढांचागत तैयारी का दर्दनाक उदाहरण है। समय पर त्वरित बचाव और राहत कार्यों ने जान बचाने में मदद की, लेकिन प्रभावित परिवारों के लिए पुनर्वास और पुनर्निर्माण अभी लंबी प्रक्रिया है। जलवायु जोखिम और संवेदनशील इलाकों में जीवन‑चर्चा पर पुनर्विचार आवश्यक है।

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