![]() |
| सत्यपाल मलिक ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ली अंतिम |
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन – एक संपूर्ण समीक्षा
निधन की जानकारी
- सत्यपाल मलिक का निधन 5 अगस्त 2025 को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में हुआ, जहां वे 1:12 बजे दोपहर में अंतिम सांस लिए ।
- वे 79 वर्ष के थे और पिछले कुछ महीनों से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे ।
बीमारी और अस्पताल में भर्ती
- सत्यपाल मलिक को 11 मई 2025 को किडनी और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की जटिलताओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।
- वे लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे और अंततः दोपहर में अस्पताल में ही उनका देहांत हुआ ।
सत्यपाल मलिक की राजनीतिक जीवन यात्रा
शुरुआती जीवन और राजनीतिक पृष्ठभूमि
- बुशपुर थाना क्षेत्र, बागपत (उत्तर प्रदेश) के हिसावदा गाँव में जन्मे सत्यपाल मलिक ने अपनी राजनीतिक शुरूआत 1960 के दशक में छात्र राजनीति से की। 1966‑67 में वह छात्रसंघ अध्यक्ष बने ।
- 1974 में उनकी राजनीतिक यात्रा लोक जनशक्ति दल (बीकेडी) से शुरू हुई और उन्होंने विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद वे जनता दल और बाद में कांग्रेस से जुड़े ।
- 1989 में जनता दल से सांसद चुने गए और बाद में 2004 में भाजपा में शामिल हुए, जहाँ उन्होंने संगठनात्मक भूमिकाएँ निभाईं ।
राज्यपाल के रूप में कार्यकाल
- सत्यपाल मलिक ने कई राज्यों के राज्यपाल के रूप में लंबे समय तक सेवा दी जिसमे शामिल हैं: बिहार, गोवा, मेघालय और जम्मू‑कश्मीर ।
- विशेष रूप से, 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे, और इसी दौरान 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 की समाप्ति हुआ, जिसे उनके कार्यकाल का ऐतिहासिक निर्णय माना जाता है ।
निष्कर्ष और विरासत
सत्यपाल मलिक का राजनीतिक जीवन 1974 से 2025 तक फैला हुआ था, जहाँ उन्होंने सांसद, राज्यपाल और सार्वजनिक कार्यकर्ताओं के रूप में जिम्मेदारियाँ निभाई। उनका कार्यकाल विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक बदलाव के समय महत्वपूर्ण रहा।
उनके निधन से राजनीति के विभिन्न वर्गों में शोक की लहर है, क्योंकि वह एक दृढ़ राजनीतिक व्यक्तित्व और निर्णय लेने वाले नेता के रूप में पहचाने जाते थे।

0 Comments