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भारत में संसद ने ऑनलाइन मनी गेमिंग पर रोक लगा दी। |
संसद ने लगाया ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन: MPL और जुपी ने मनी गेम्स बंद किए, ड्रीम-11 और रमी सर्किल पर मंडराया खतरा
नई दिल्ली: भारत में ऑनलाइन मनी गेमिंग का दौर अब बदलने वाला है। संसद द्वारा पारित ऑनलाइन मनी गेमिंग (निषेध) विधेयक 2025 ने इस इंडस्ट्री की नींव हिला दी है। अभी तक क्रिकेट, कार्ड और फैंटेसी गेम्स के जरिये करोड़ों का कारोबार करने वाली कंपनियाँ अब अपने ऐप्स से मनी गेम्स को हटाने लगी हैं।
सबसे पहले मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) और जुपी (Zupee) ने बड़ा कदम उठाते हुए मनी-बेस्ड गेमिंग बंद करने की घोषणा कर दी है। अब सभी की निगाहें ड्रीम-11, माई11 सर्किल, पोकरबाजी और रमी सर्किल पर हैं, जो लंबे समय से इस सेक्टर के सबसे बड़े खिलाड़ी रहे हैं।
क्यों लिया गया यह ऐतिहासिक फैसला?
ऑनलाइन गेमिंग ने पिछले पाँच वर्षों में भारत में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की। लेकिन इसके साथ ही सामने आए:
- युवाओं में लत और कर्ज़
- घर-परिवार की आर्थिक बर्बादी
- और कई मामलों में आत्महत्या जैसी त्रासद घटनाएँ
सरकार का मानना है कि मनी गेम्स असल में जुए का डिजिटल रूप हैं, जो समाज को नुकसान पहुँचा रहे थे। इसलिए संसद ने स्पष्ट संदेश दिया – “मनोरंजन के नाम पर आर्थिक शोषण बर्दाश्त नहीं होगा।”
कंपनियों का पहला रिएक्शन
- MPL: कंपनी ने अपने यूजर्स को मैसेज भेजकर कहा कि वह अब फ्री-टू-प्ले स्किल गेम्स पर ध्यान देगी।
- Zupee: इसने भी साफ कर दिया कि मनी बेस्ड रमी और क्विज़ गेम्स अब उपलब्ध नहीं होंगे।
हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि ड्रीम-11, माई11 सर्किल और रमी सर्किल जैसे दिग्गज क्या करेंगे? क्या वे भी मनी गेम्स बंद करेंगे या कोई नया रास्ता निकालेंगे?
यूजर्स के लिए बड़ा बदलाव
👉 लाखों प्लेयर्स जो रोज़ाना फैंटेसी क्रिकेट और कार्ड गेमिंग पर पैसा लगाते थे, अब उन्हें खेल का नया तरीका अपनाना होगा।
👉 जिन यूजर्स का पैसा ऐप्स में फंसा है, उनके लिए कंपनियों को क्लियर रिफंड पॉलिसी लानी होगी।
👉 भविष्य में यह सेक्टर सिर्फ एंटरटेनमेंट और स्किल डेवलपमेंट की दिशा में आगे बढ़ेगा।
इंडस्ट्री पर असर
भारत की गेमिंग इंडस्ट्री का आकार लगभग 20,000 करोड़ रुपये तक पहुँच चुका था।
- इस बैन के बाद कई स्टार्टअप्स का बिज़नेस मॉडल पूरी तरह बदलना होगा।
- हजारों नौकरियों पर भी असर पड़ सकता है।
- विदेशी निवेशकों का भरोसा डगमगा सकता है।
लेकिन दूसरी तरफ यह भी सच है कि इससे एक रेगुलेटेड और हेल्दी गेमिंग कल्चर बनेगा, जहाँ ई-स्पोर्ट्स, स्किल गेमिंग और एजुकेशनल गेम्स को बढ़ावा मिलेगा।
कानूनी प्रावधान
नए कानून के तहत:
- किसी भी गेमिंग कंपनी को रियल मनी गेम्स चलाने की इजाज़त नहीं है।
- उल्लंघन करने पर लाखों रुपये का जुर्माना और जेल की सजा तक हो सकती है।
- केवल स्किल-बेस्ड नॉन-मनी गेम्स ही आगे बढ़ पाएंगे।
आगे की राह: क्या होगा भविष्य?
🔹 सरकार अब ई-स्पोर्ट्स और एजुकेशनल गेमिंग को बढ़ावा देने की रणनीति बना रही है।
🔹 कंपनियाँ अब एड-रेवेन्यू, सब्सक्रिप्शन और इन-ऐप पर्चेज़ जैसे नए बिज़नेस मॉडल पर ध्यान देंगी।
🔹 भारत के लिए यह मौका है कि वह दुनिया की सबसे बड़ी रेगुलेटेड गेमिंग मार्केट बन सके।
निष्कर्ष
ऑनलाइन मनी गेमिंग पर संसद की रोक एक गेम-चेंजर फैसला है। इससे जहाँ लाखों परिवार आर्थिक नुकसान से बचेंगे, वहीं इंडस्ट्री को मजबूरी में नए रास्ते और इनोवेशन तलाशने होंगे।यह बदलाव भारत को जुआ संस्कृति से निकालकर एक स्वस्थ डिजिटल गेमिंग कल्चर की ओर ले जाएगा।

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