“भारत पर निशाना साधने वाले स्वयं रूस से व्यापार कर रहे” ट्रंप की टैरिफ धमकी पर भारत का करारा जवाब

रुश की धमकी का करारा जवाब 


“भारत पर निशाना साधने वाले स्वयं रूस से व्यापार कर रहे”  ट्रंप की टैरिफ धमकी पर भारत का करारा जवाब


घटनाक्रम (4–5 अगस्त 2025)

  • डोनाल्ड ट्रंप ने Truth Social पर आरोप लगाया कि भारत “massive amounts” में रूसी तेल खरीद रहा है, फिर उसे बड़े मुनाफे पर open market में बेच रहा है और उसे यूक्रेन में हो रही मानव हताहतों की फिक्र नहीं है, जिसके चलते उन्होंने भारत से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ “substantially” बढ़ाने की धमकी दी  ।
  • इससे पहले वह पहले ही 25% टैरिफ की घोषणा कर चुके थे, जो 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन अब इसकी शुरुआत 7 अगस्त से होगी  ।

भारत की कूटनीतिक प्रतिक्रिया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल द्वारा जारी बयान में छह प्रमुख बिंदुओं के माध्यम से ट्रंप और पश्चिमी दुनिया की आलोचना की गई:

  1. भारत ने रूस से तेल तब सेखना शुरू किया जब पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं ने यूरोप की ओर अपना रुख मोड़ लिया; उस समय अमेरिका ने ही इसे वैश्विक ऊर्जा बाजार के स्थिरीकरण हेतु प्रोत्साहित किया था  ।
    2. ये तेल आयात भारतीय उपभोक्ता को स्थिर और सस्ता ऊर्जा उपलब्ध कराने की मजबूरी थी, न कि मुनाफाखोरी की नीति  ।
    3. आलोचना करने वाले देश जैसे अमेरिका और यूरोपीय संघ—खुद रूस के साथ भारी व्यापार में संलग्न हैं, विशेष रूप से EU का 2024 में 67.5 अरब यूरो व्यापार, और 2023 में 17.2 अरब यूरो सेवा व्यापार शामिल है—which far exceeds India’s trade with Russia  ।
    4. रूस-यूरोप व्यापार केवल ऊर्जा तक सीमित नहीं है; इसमें उर्वरक, खनिज, रसायन, मशीनरी, इत्यादि शामिल हैं  ।
    5. अमेरिका भी रूस से यूरेनियम हेksaफ़्लोराइड, पैलेडियम, उर्वरक, और रसायन आयात करता है, जो व्यापार की दोहरी नीति को उजागर करता है  ।
    6. भारत ने कहा कि इस मामले में भारत को लक्ष्य करना “अनुचित और अविवेकपूर्ण” है, और वह अपने राष्ट्रीय हित और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा जारी रखेगा  ।

 विश्लेषण: विवाद का राजनीतिक व अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ

  • ट्रंप ने भारत-यूएस रिश्तों पर दक्षिणावर्ती रुख अपनाया है—पूर्व में मोदी को Praised करने वाला ट्रंप अब इसे “dead economy” कह रहा है और भारत पर निशाना साध रहा है  ।
  • विदेश मंत्रालय ने आलोचना को “hypocrisy” से जोड़ते हुए स्पष्ट किया कि भारत अन्य देशों की तरह रूस से व्यापार, पर अपने राष्ट्रीय हित की मजबूरी पर आधारित है  ।
  • विश्लेषकों का मानना है कि यह तनाव भारत–यूएस रणनीतिक साझेदारी को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, खासकर जब भारत ने BRICS और रक्षा सहयोग जैसे क्षेत्रों में समानांतर संबंध बनाए हैं  ।


 निष्कर्ष

  • ट्रंप ने भारत के रूस से तेल खरीदने की नीति को आर्थिक मुनाफाखोरी और युद्ध सम्बन्धी सिद्धांतों में सामंजस्यहीन बता कर कठोर टैरिफ चेतावनी दी।
  • इसके जवाब में भारत सरकार ने तर्कपूर्ण और तथ्यात्मक बयान जारी कर पश्चिमी बयानों में दोहरे मापदंड की आलोचना की।
  • यह विवाद भारत-यूनाइटेड स्टेट्स के बीच गहरे सहयोग की कड़ी परीक्षा बनता जा रहा है।

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