3 साल से इंतज़ार, अब भी अधर में Ola Electric Subsidy! ग्राहक परेशान, शिकायतें बेअसर… क्या मिलेगा हक़ का पैसा?

Delhi के एक ग्राहक ने 3 साल पहले Ola S1 Pro Electric Scooter खरीदा, लेकिन आज तक वादा की गई FAME-II Subsidy नहीं मिली। कई शिकायतों और फॉलो-अप के बावजूद मामला अधर में है। जानिए क्यों अटक रही है Ola Electric Subsidy और इसका असर EV Mission पर कितना बड़ा है।

Ola S1 Pro खरीदी, सब्सिडी अब तक अधूरी! सरकार और कंपनी की चुप्पी से Customers नाराज़।


Ola Electric Scooter Subsidy तीन साल बाद भी नहीं मिली सब्सिडी, शिकायतों के बाद भी ग्राहक परेशान

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार और राज्य सरकारों ने समय-समय पर सब्सिडी योजनाएँ चलाईं। लेकिन जमीनी स्तर पर कई उपभोक्ताओं को अब भी इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यही कहानी दिल्ली के एक उपभोक्ता की है, जिन्होंने करीब 3 साल पहले Ola S1 Pro इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदा, लेकिन आज तक उन्हें FAME-II सब्सिडी का फायदा नहीं मिला।

3 साल पुरानी Ola S1 Pro, सब्सिडी अब भी अधर में

तस्वीर में दिख रही यह Ola S1 Pro स्कूटर (रजिस्ट्रेशन नंबर: DL10G D6767) को खरीदे हुए लगभग तीन साल का समय बीत चुका है। खरीदते वक्त कंपनी ने दावा किया था कि ₹40,000 तक की सब्सिडी मिलेगी, जिससे ग्राहक पर आर्थिक बोझ कम होगा। लेकिन हकीकत यह है कि आज तक उपभोक्ता को यह रकम नहीं मिली।

शिकायतें दर्ज, लेकिन कार्रवाई नहीं

ग्राहक का कहना है कि उन्होंने इस मामले को लेकर कई बार कंपनी और संबंधित विभागों में शिकायतें दर्ज करवाईं। लेकिन न तो Ola Electric की ओर से और न ही किसी सरकारी एजेंसी से कोई ठोस जवाब मिला। उपभोक्ता लगातार ईमेल, कॉल और पोर्टल्स पर शिकायत कर रहे हैं, लेकिन सिर्फ़ “जांच चल रही है” का जवाब मिलता है।

क्यों अटक रही है EV सब्सिडी?

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए केंद्र सरकार की FAME-II (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) योजना चलाई जा रही है। इसके तहत

  • इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर ₹15,000 प्रति kWh की सब्सिडी तय है।
  • Ola, Ather, TVS जैसी कंपनियाँ इसके तहत वाहन बेच रही हैं।
  • लेकिन 2022-23 में कई कंपनियों पर आरोप लगा कि उन्होंने गलत बिलिंग और कीमतों में हेरफेर करके सब्सिडी का लाभ उठाया।
  • इसके बाद सरकार ने कई महीनों तक सब्सिडी भुगतान रोक दिया।

यही कारण है कि कई पुराने ग्राहकों को अब तक उनकी सब्सिडी नहीं मिल सकी।

ग्राहकों की जेब पर असर

जहाँ EV कंपनियाँ अपने ब्रांड और नए मॉडल लॉन्च करने में व्यस्त हैं, वहीं ग्राहक अब भी पेंडिंग सब्सिडी का इंतज़ार कर रहे हैं। Ola S1 Pro जैसे स्कूटर की कीमत पहले ही ₹1.30 लाख से ज़्यादा है। बिना सब्सिडी के यह और महंगा हो जाता है।

  • EMI और लोन चुकाने वाले ग्राहकों को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है।
  • सब्सिडी न मिलने से शुरुआती वादे पर भरोसा टूटता है।
  • कई ग्राहकों का कहना है कि अगर सब्सिडी नहीं मिलनी थी, तो उन्हें EV खरीदने पर दोबारा सोचते।

सरकार और कंपनियों की चुप्पी

यह मामला सिर्फ एक ग्राहक का नहीं है, बल्कि देशभर में हजारों उपभोक्ता इसी समस्या से जूझ रहे हैं।

  • सरकार कहती है कि कंपनियों ने नियम तोड़े, इसलिए भुगतान रोका गया।
  • कंपनियाँ कहती हैं कि वे ग्राहकों के लिए प्रयास कर रही हैं।
  • लेकिन इस खींचतान में असली नुकसान ग्राहकों का हो रहा है।

EV मिशन पर सवाल

भारत 2030 तक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बड़ी छलांग लगाने का सपना देख रहा है। लेकिन अगर सब्सिडी जैसी बुनियादी योजनाएँ ही समय पर उपभोक्ताओं तक नहीं पहुँचेंगी, तो यह मिशन सवालों के घेरे में आ जाएगा।

ग्राहकों की आवाज़

Ola S1 Pro जैसे इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने वाले उपभोक्ताओं का कहना है कि उन्होंने भरोसा करके EV अपनाया था। लेकिन सब्सिडी न मिलने से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया।

कई ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर भी अपने अनुभव साझा किए हैं और सरकार से जल्द समाधान की मांग की है। लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि 

  • जब सब्सिडी योजना की घोषणा की गई थी तो उसका लाभ अब तक क्यों नहीं मिला?
  • अगर कंपनियों ने नियम तोड़े हैं तो ग्राहक क्यों भुगतें?
  • क्या सरकार उपभोक्ताओं की रकम जल्द वापस करेगी या फिर यह मुद्दा ऐसे ही लटका रहेगा?

ग्राहकों का कहना है कि EV अपनाना सिर्फ़ ट्रेंड नहीं बल्कि ग्रीन एनर्जी और भविष्य की ज़िम्मेदारी है। लेकिन अगर शुरूआती दौर में ही पारदर्शिता और भरोसे की कमी रही, तो लोग इलेक्ट्रिक वाहनों से दूरी बना सकते हैं।

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