![]() |
| पुत्रदा एकादशी व्रत |
पुत्रदा एकादशी 2025: तिथि, महत्व और पूजा विधि
1. पुत्रदा एकादशी कब है?
इस वर्ष सावन मास की शुक्ल पक्ष एकादशी, जिसे पुत्रदा एकादशी या पवित्रा एकादशी कहा जाता है, 5 अगस्त 2025 (मंगलवार) को संपूर्ण रूप से मनाई जाएगी ।
- एकादशी तिथि 4 अगस्त सुबह 11:41 बजे से शुरू होकर 5 अगस्त दोपहर 1:12 बजे तक रहेगी। चूंकि उदयातिथि (उठते समय) के अनुसार व्रत शुरू किया जाता है, इसलिए व्रत 5 अगस्त को रखा जाएगा ।
2. क्यों खास है यह व्रत? (महत्व)
- यह व्रत विशेष तौड़ पर संतान प्राप्ति की कामना रखने वाले दम्पतियों के लिए अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है ।
- धार्मिक विश्वास है कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा व व्रत करने से संतान सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। यह व्रत पाप उन्मोचन, मोक्ष, और पारिवारिक सौभाग्य के लिए लाभदायक माना जाता है ।
3. शुभ मुहूर्त और पारण समय
|
विवरण |
समय / तारीख |
|
एकादशी तिथि प्रारंभ |
4 अगस्त 2025 सुबह 11:41 बजे |
|
एकादशी तिथि समाप्त |
5 अगस्त 2025 दोपहर 1:12 बजे |
|
व्रत तिथि (उदयातिथि) |
5 अगस्त 2025 (पूजा एवं उपवास) |
|
पारण (व्रत खोलना) |
6 अगस्त, 2025 सुबह ~05:45–08:26 |
|
ब्रह्म मुहूर्त |
सुबह ~04:20–05:02 |
|
अभिजीत मुहूर्त |
दोपहर ~12:00–12:54 |
|
शाम पूजन मुहूर्त |
शाम ~07:09–07:30 |
इनका पालन करने से व्रत और पूजा का आयोजन शुभ फलदायी माना जाता है ।
4. पूजा सामग्री और विधि
पूजा सामग्री: विष्णु या लक्ष्मी-नारायण जी की मूर्ति/चित्र, पीले वस्त्र, पीले पुष्प, तुलसी दल, पंचामृत, फल, मिठाई, धूप, दीप, घी, नैवेद्य, अक्षत, चंदन आदि ।
पूजा विधि:
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान पूर्वक शुद्ध कपड़े पहनें।
- चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर विष्णु और लक्ष्मी की मूर्ति रखें।
- गंगाजल से अभिषेक करें, चंदन तिलक लगाएँ।
- तुलसी, पंचामृत, नैवेद्य, फल, दूध-सह शहद आदि अर्पित करें।
- मंत्र जप विशेष रूप से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” करें और विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।
- दिनभर फलाहार या निराहार व्रत रखें।
- शाम को कथा श्रवण, आरती और पारण करें।
- दान एवं भजन-कीर्तन से पुण्य बढ़ाएँ ।
5. विशेष उपाय (मंत्र)
संतान-प्राप्ति के लिए “संतान गोपाल मंत्र” का जाप पुत्रदा एकादशी के दिन विशेष फलदायी माना गया है। भक्त श्रद्धापूर्वक इस मंत्र का जाप एवं पूजा करें तो भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है ।
6. निष्कर्ष
इस वर्ष पुत्रदा एकादशी 5 अगस्त 2025 को भक्ति, नियम एवं श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। संतान प्राप्ति, सुख-समृद्धि और पाप निवारण हेतु यह व्रत अत्यधिक शुभ माना जाता है। यदि आप या आपके परिवार के सदस्य संतान सुख की कामना रखते हैं, तो विधिवत पूजा व व्रत करने का यह उत्तम अवसर है।
सुझाव:
- पूजा का आयोजन समयबद्ध तरीके से करें—ब्राह्म मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त और पारण समय आदि का विशेष ध्यान रखें।
- व्रत के दौरान कथा श्रवण, दान-पुण्य, भजन-कीर्तन से पुण्य वृद्धि होती है।
- स्वास्थ्य के आधार पर निर्जला या फलाहार व्रत का विकल्प चुनें।

0 Comments