जब देश के खिलाफ नारे लगें और सब चुप रहें… तो गुस्सा आ ही जाता है” — स्मृति ईरानी का बड़ा बयान



नई दिल्ली | Garun News

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक बार फिर बेबाक अंदाज़ में बड़ा बयान दिया है। आजतक को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा 


“जब देश के खिलाफ नारे लगें और सब चुप रहें… तो गुस्सा आ ही जाता है।”


स्मृति ईरानी का यह बयान सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने बिना किसी पार्टी का नाम लिए विपक्षी नेताओं पर निशाना साधा, जो देश विरोधी घटनाओं पर चुप्पी साधे रहते हैं।





🔎 क्या है पूरा मामला?



स्मृति ईरानी से सवाल किया गया कि कुछ नेताओं ने अतीत में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ जैसे नारों पर चुप्पी क्यों साधी थी? इस पर उन्होंने दो टूक कहा:


“जो लोग देश की अखंडता पर सवाल उठाते हैं, उन्हें समर्थन देना या चुप रहना, दोनों ही गलत हैं।”


उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब ऐसे नारे लगते हैं और नेता कुछ नहीं कहते, तो जनता को स्वाभाविक रूप से गुस्सा आता है।





🔥 सोशल मीडिया पर बवाल



स्मृति ईरानी का यह बयान वायरल हो गया है। ट्विटर (अब X) पर #SmritiIrani और #DeshKeKhilaf ट्रेंड करने लगे हैं। लोग इसे राष्ट्रभक्ति की आवाज बता रहे हैं।


वहीं कुछ यूज़र्स ने लिखा —


“अभिव्यक्ति की आज़ादी और देशद्रोह में फर्क करना ज़रूरी है।”





🗳️ राजनीतिक प्रतिक्रिया



  • भाजपा ने स्मृति ईरानी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि देश के खिलाफ बोलना कभी भी स्वीकार्य नहीं हो सकता।
  • कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस बयान को “ध्यान भटकाने की राजनीति” बताया।



कांग्रेस नेता ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा:


“भाजपा हर मुद्दे पर राष्ट्रवाद का सहारा लेती है, लेकिन असली मुद्दों से भागती है।”





📌 पिछले बयानों से जुड़ाव



यह पहली बार नहीं है जब स्मृति ईरानी ने इस तरह का तीखा बयान दिया हो।


  • JNU विवाद
  • कन्हैया कुमार पर टिप्पणी
  • शाहीन बाग मुद्दा
    इन सब मामलों में भी स्मृति ईरानी का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है।






📣 Garun News की राय



स्मृति ईरानी का यह बयान न केवल राजनीति बल्कि आम जनता के सोचने का विषय भी है —

क्या देश के खिलाफ बोलना “अभिव्यक्ति की आज़ादी” है या “राष्ट्र विरोध”?

और क्या चुप रह जाना मौन समर्थन है?





📌 Quick Highlights



  • स्मृति ईरानी ने आजतक से बातचीत में बड़ा बयान दिया
  • “देश के खिलाफ नारे और नेताओं की चुप्पी पर गुस्सा आना स्वाभाविक”
  • सोशल मीडिया पर बयान हुआ वायरल
  • भाजपा ने समर्थन किया, विपक्ष ने आलोचना की

✍️ लेखक: Garun News Team

📅 तारीख: 23 जुलाई 2025

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