धनखड़ इस्तीफा या दबाव? विपक्ष का दावा—एक नहीं, दो महाभियोग नोटिस थे तैयार!

📰 धनखड़ एक नहीं, दो महाभियोग नोटिस स्वीकार करने वाले थे? विपक्ष का बड़ा दावा — दोपहर से शाम तक बदली पूरी तस्वीर!








📍 नई दिल्ली | 22 जुलाई 2025

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के 24 घंटे के भीतर ही नया राजनीतिक विवाद सामने आ गया है। विपक्षी दलों का दावा है कि धनखड़ सिर्फ एक नहीं, बल्कि दो महाभियोग नोटिस स्वीकार करने वाले थे, और इसी कारण सत्ता पक्ष में हड़कंप मच गया था। क्या यही वजह थी उनके अचानक इस्तीफे की?


🔹 क्या है महाभियोग नोटिस का मामला?

संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में विपक्ष ने दो न्यायधीशों के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए प्रस्ताव पेश किए थे। पहले प्रस्ताव में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति वर्मा का नाम था, जिसे उपराष्ट्रपति ने संवैधानिक प्रक्रिया के तहत स्वीकार कर लिया था।

लेकिन सूत्रों का कहना है कि एक दूसरा नोटिस भी लंबित था, जिसे भी धनखड़ स्वीकार करने के मूड में थे। यही कारण बना कि दोपहर बाद सत्ता पक्ष हरकत में आ गया।


🕐 कैसे बदली स्थिति? एक नज़र घटनाक्रम पर

समय घटनाक्रम
1:00 बजे विपक्ष के नेता प्रस्ताव को लेकर धनखड़ से मिले
2:30 बजे उपराष्ट्रपति कार्यालय ने एक नोटिस को मंजूरी दी
3:00 बजे सत्ता पक्ष के वरिष्ठ नेता धनखड़ से मिलने पहुंचे
4:00 बजे अचानक अफवाह फैली – उपराष्ट्रपति पद छोड़ सकते हैं
5:00 बजे राष्ट्रपति भवन को इस्तीफा भेजा गया, तुरंत स्वीकृति भी मिली

🔹 विपक्ष का आरोप

विपक्षी गठबंधन ‘भारत’ के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:

“धनखड़ साहब पर दबाव डाला गया ताकि वे दूसरा महाभियोग नोटिस स्वीकार न करें। जब वे झुके नहीं, तो इस्तीफे का रास्ता चुनना पड़ा।”


🔹 सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार की ओर से अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन बीजेपी के सूत्रों ने विपक्ष के दावे को “राजनीतिक ड्रामा” करार दिया है। एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा:

“धनखड़ जी ने निजी स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है, इसका सियासी कोण ढूंढना दुर्भाग्यपूर्ण है।”


🔍 विश्लेषण: क्या संवैधानिक संकट टल गया या गहराया?

विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि दो न्यायधीशों के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया एक साथ शुरू होती, तो यह भारतीय न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच असामान्य टकराव का कारण बन सकती थी। ऐसे में धनखड़ का इस्तीफा एक 'संवेदनशील निकास' के रूप में देखा जा रहा है।


📌 अब आगे क्या?

  • राज्यसभा की कार्यवाही अब उपसभापति हरिवंश द्वारा संचालित की जा रही है।

  • नया उपराष्ट्रपति चुनाव अगले 30 दिनों में संभावित है।

  • विपक्ष नए मोर्चे की तैयारी में है, और पूरे घटनाक्रम को "लोकतांत्रिक अपमान" बता रहा है।


📍 रिपोर्ट: Garun News डेस्क | 22 जुलाई 2025
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