Burari Traffic Jam: 3 साल से अधूरा सीवर काम बना मुसीबत, Sant Nagar से Burari Mod तक जाम

दिल्ली के बुराड़ी में 3 साल से अधूरा सीवर प्रोजेक्ट ट्रैफिक जाम की बड़ी वजह बन गया है। संत नगर से बुराड़ी मोड़ तक सुबह-शाम भारी जाम से स्कूली बच्चे, ऑफिस जाने वाले और मरीज परेशान।

संत नगर से बुराड़ी मोड़ तक रोज़ाना लगने वाला भारी जाम, स्कूल वैन और बसें फँसीं


बुराड़ी में जाम की समस्या: 3 साल से चल रहा सीवर का काम बना सिरदर्द, रोज़ाना परेशान यात्री और स्कूली बच्चे

नई दिल्ली।

दिल्ली का बुराड़ी इलाका पिछले कई सालों से जाम की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। संत नगर से लेकर बुराड़ी मोड़ तक की सड़क पर सुबह और शाम के वक्त भारी ट्रैफिक जाम आम बात हो गई है। खासतौर पर ऑफिस जाने वाले लोगों और स्कूल के बच्चों के लिए यह समस्या रोज़ाना की मुसीबत बन चुकी है। इस जाम का मुख्य कारण पिछले तीन सालों से अधूरा पड़ा वाटर सीवर का काम है, जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।

जाम की जड़: अधूरा सीवर प्रोजेक्ट

स्थानीय लोगों के मुताबिक, बुराड़ी रोड पर सीवर लाइन बिछाने का काम लगभग तीन साल पहले शुरू किया गया था। लेकिन यह काम अभी तक पूरा नहीं हो सका। जगह-जगह सड़क खोदी गई है और सड़कें संकरी हो गई हैं, जिससे वाहन चालकों को मुश्किल का सामना करना पड़ता है।

सड़क की चौड़ाई कम होने और काम के कारण धूल-मिट्टी फैलने से हालात और भी बिगड़ जाते हैं। बारिश के दिनों में तो सड़क पर कीचड़ और गड्ढे लोगों के लिए और परेशानी खड़ी कर देते हैं।

 सुबह-शाम घंटों का जाम

बुराड़ी के संत नगर से लेकर बुराड़ी मोड़ तक रोजाना सुबह ऑफिस टाइम और शाम को वापसी के वक्त लंबा जाम लगा रहता है।

  • स्कूली बच्चों की बसें समय पर स्कूल नहीं पहुँच पातीं।
  • ऑफिस जाने वाले कर्मचारी देर से पहुँचते हैं।
  • कई बार लोग जाम में फंसे-फंसे बीमार पड़ जाते हैं।

सबसे बड़ी चिंता यह है कि एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवाएँ भी इस जाम की वजह से प्रभावित होती हैं। कई बार मरीजों को समय पर अस्पताल नहीं पहुँचाया जा सका है।

तीन साल से अधूरे पड़े सीवर कार्य के कारण संकरी हुई सड़क, हर दिन घंटों जाम


ट्रैफिक पुलिस और गार्ड नदारद

लोगों का कहना है कि इस पूरे stretch पर न तो कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात है और न ही कोई लोकल गार्ड। जाम के समय लोग अपने-अपने हिसाब से गाड़ियाँ निकालने की कोशिश करते हैं, जिससे समस्या और बढ़ जाती है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि ट्रैफिक पुलिस सक्रिय हो और भीड़भाड़ वाले समय पर तैनाती की जाए तो काफी हद तक समस्या से राहत मिल सकती है।

 बच्चों और बुज़ुर्गों की बढ़ी परेशानी

स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे रोजाना जाम में फँस जाते हैं। अक्सर बसें और वैन घंटों लेट हो जाती हैं। वहीं, बुज़ुर्ग और बीमार लोग अस्पताल समय पर नहीं पहुँच पाते।

कई बार मरीजों की हालत बिगड़ने पर लोग मजबूरी में रिक्शा, बाइक या पैदल अस्पताल की ओर निकलते हैं।

स्थानीय लोगों की मांग

रहवासियों ने कई बार MCD और दिल्ली सरकार से सीवर का काम जल्द से जल्द पूरा करने की अपील की है। लोगों का कहना है कि –

  • अधूरा सीवर प्रोजेक्ट तुरंत पूरा हो
  • सड़क की मरम्मत कराई जाए
  • भीड़भाड़ वाले समय पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की जाए
  • एम्बुलेंस के लिए विशेष कॉरिडोर बनाया जाए

बुराड़ी रोड पर रोज़ाना जाम से जूझते लोग, स्थानीय लोगों में बढ़ा आक्रोश

जाम का असर

  1. आर्थिक नुकसान – रोज़ाना हजारों लीटर पेट्रोल-डीजल जाम में जलता है।
  2. स्वास्थ्य पर असर – धूल, धुआँ और तनाव लोगों की सेहत बिगाड़ रहे हैं।
  3. शिक्षा पर असर – बच्चे देर से स्कूल पहुँचते हैं, पढ़ाई प्रभावित होती है।
  4. आपात सेवाएँ प्रभावित – एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड का समय पर पहुँचना मुश्किल।

बुराड़ी में जाम की समस्या अब केवल एक स्थानीय मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि यह लोगों के जीवन और स्वास्थ्य पर सीधा असर डाल रहा है। तीन साल से अधूरा पड़ा सीवर प्रोजेक्ट प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है।

जरूरत है कि सरकार और प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए काम को जल्द पूरा करें, ट्रैफिक पुलिस की तैनाती करें और लोगों को राहत दें। वरना बुराड़ी का यह जाम आने वाले समय में और भी बड़ी समस्या का रूप ले सकता है!

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