यमुना पुल से युवक ने लगाई छलांग, टैब पर रिकॉर्ड हुआ आख़िरी वीडियो

यमुना पुल से छलांग! टैब पर रिकॉर्ड हुई आख़िरी सांसें

यमुना पुल से युवक ने लगाई छलांग, टैब पर रिकॉर्ड हुआ आख़िरी वीडियो

हरियाणा का रहने वाला युवक हिमांशु एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया। यह घटना उत्तर प्रदेश के शामली ज़िले के यमुना पुल पर हुई। हिमांशु ने अपने दोस्त को लोकेशन भेजकर पुल तक बुलाया, लेकिन इसके बाद जो हुआ उसने हर किसी को दहला दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुल पर पहुंचते ही हिमांशु वहां मौजूद कुछ बच्चों से बातचीत करने लगा। उसने अपने पास रखा टैबलेट बच्चों को पकड़ाया और कहा कि वे उसका वीडियो रिकॉर्ड करें। बच्चों को यह अजीब जरूर लगा, लेकिन उन्होंने रिकॉर्डिंग शुरू कर दी।

वीडियो में साफ दिखाई देता है कि हिमांशु पुल की रेलिंग पर चढ़ता है और कुछ क्षणों तक नीचे बह रही उफनती यमुना नदी को देखता है। लोग सोचते रहे कि शायद वह मज़ाक कर रहा है या कोई स्टंट कर रहा है। लेकिन अचानक ही उसने छलांग लगा दी।

तेज़ धार वाली यमुना नदी ने उसे तुरंत अपनी लहरों में समा लिया। लोग चिल्लाए, बचाने की कोशिश भी हुई, लेकिन नदी की रफ्तार इतनी तेज थी कि किसी की हिम्मत आगे बढ़ने की नहीं हुई। देखते ही देखते हिमांशु गुम हो गया।

इस पूरी घटना का सबसे बड़ा गवाह वही वीडियो है, जो बच्चों ने उसके कहने पर टैब से रिकॉर्ड किया। अब यह वीडियो पुलिस के पास है और जांच का हिस्सा बन चुका है। इससे साफ है कि हिमांशु ने यह कदम सोच-समझकर उठाया था।

परिजनों के मुताबिक, हिमांशु पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान था। हालांकि, उन्होंने कभी अंदाज़ा नहीं लगाया था कि वह इतना बड़ा और खतरनाक कदम उठा लेगा। परिवार इस हादसे से सदमे में है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि युवाओं में मानसिक तनाव और निजी समस्याएं बढ़ रही हैं, जिसकी वजह से वे आत्महत्या जैसे खतरनाक फैसले ले रहे हैं। सोशल मीडिया और डिजिटल गैजेट्स का इस्तेमाल इस प्रवृत्ति को और बढ़ावा दे रहा है। इस मामले में भी हिमांशु ने अपने ही टैब से अपनी मौत का वीडियो बनवाया।

फिलहाल पुलिस ने शव की तलाश के लिए गोताखोरों की मदद ली है। अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि आखिर हिमांशु ने ऐसा कदम क्यों उठाया। क्या यह पूरी तरह निजी परेशानी का मामला था या इसके पीछे कोई और वजह भी थी।

यह घटना समाज के लिए एक गहरा संदेश छोड़ जाती है। जीवन में समस्याएं आना स्वाभाविक है, लेकिन आत्महत्या किसी भी सवाल का जवाब नहीं होती। दुख की बात यह है कि इस तरह की घटनाएं न केवल एक व्यक्ति की जिंदगी खत्म कर देती हैं बल्कि पूरे परिवार को जिंदगी भर का दर्द दे जाती हैं।

हिमांशु की मौत समाज के लिए चेतावनी है कि मानसिक स्वास्थ्य को हल्के में नहीं लेना चाहिए। परिवार और दोस्तों को ऐसे हालात में खुलकर बातचीत करनी चाहिए। मुश्किल चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, उसका सामना जीते-जी किया जा सकता है, मरकर नहीं 


Disclaimer

यह खबर केवल सूचना देने के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। इसमें वर्णित घटना बेहद संवेदनशील और दुखद है। हमारा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं है और न ही आत्महत्या को बढ़ावा देना है।

यदि आप या आपका कोई परिचित मानसिक तनाव या अवसाद से जूझ रहा है, तो तुरंत अपने परिवार, मित्रों या किसी विशेषज्ञ से बात करें।

आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है 

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