Trump Tariff News: रूस से रिश्ते महंगे पड़े, अमेरिका ने भारत पर लगाया कुल 50% टैरिफ

Trump Tariff News: रूस से रिश्ते महंगे पड़े, अमेरिका ने भारत पर लगाया कुल 50% टैरिफ

भारत और रूस के बीच गहराते ऊर्जा संबंध अब अमेरिका को रास नहीं आ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त आयात शुल्क लगाने का कार्यकारी आदेश साइन कर दिया है। यह फैसला भारत द्वारा रूस से जारी कच्चे तेल की खरीद के विरोध में लिया गया है। इसके साथ ही अब भारत पर अमेरिका द्वारा लगाया गया कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया है।

अमेरिका का आरोप: भारत रूस की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है


ट्रंप प्रशासन का मानना है कि भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद से रूस को आर्थिक लाभ मिल रहा है, जो यूक्रेन युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को कमजोर करता है।


राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बयान में कहा:

आदेश का प्रभाव: कौन-कौन से उत्पाद आएंगे चपेट में?

इस टैरिफ का असर उन भारतीय उत्पादों पर पड़ेगा जो अमेरिका में बड़ी मात्रा में निर्यात किए जाते हैं, जैसे:

  • कपड़ा और परिधान
  • जेम्स और ज्वैलरी
  • ऑटो पार्ट्स
  • इलेक्ट्रॉनिक्स
  • कृषि उत्पाद

जो सामान 6 अगस्त से पहले भारत से भेजा गया है, उसे 17 सितंबर 2025 तक पहुंचने पर छूट दी जाएगी। बाकी उत्पादों पर 27 अगस्त से नया टैरिफ लागू होगा।

भारत की प्रतिक्रिया: ‘यह निर्णय पक्षपातपूर्ण और अनुचित है’

विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी फैसले पर गहरी नाराजगी जताई है। MEA के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा:

भारत ने स्पष्ट किया कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए जरूरी सभी कदम उठाएगा।


 क्या होगा आर्थिक असर?


  • निर्यात पर दबाव: MSME सेक्टर, टेक्सटाइल, ज्वैलरी इंडस्ट्री सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे
  • रुपये पर असर: ट्रेड घाटा बढ़ सकता है, जिससे रुपये पर गिरावट का दबाव बनेगा
  • GDP में गिरावट: अनुमान है कि भारत की विकास दर में 0.3% तक की गिरावट हो सकती है


हालांकि भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से घरेलू खपत पर आधारित है, जिससे कुछ राहत मिल सकती है।

आगे क्या?

विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम सिर्फ व्यापार नहीं, कूटनीति का भी हिस्सा है। अमेरिका भारत पर रूस से दूरी बनाने का दबाव बना रहा है, जबकि भारत अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता बनाए रखना चाहता है।

 निष्कर्ष

भारत और अमेरिका के रिश्ते ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं, लेकिन यह टैरिफ विवाद इन संबंधों में तनाव का नया अध्याय जोड़ सकता है। आने वाले सप्ताहों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस चुनौती का सामना किस तरह करता है — संवाद से या जवाबी कार्रवाई से।

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