📍 प्रभाव और मुख्य घटनाएँ
- तेजम, बंगापानी, डीडीहाट, धारचूला इत्यादि इलाकों में भारी वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पिथौरागढ़ में हाल ही में तीन मकानों के क्षतिग्रस्त होने और खतरे की स्थिति उत्पन्न होने की खबर मिली है ।
- भारी और लगातार गिर रही बारिश ने आसपास की दीवारों और मकानों को नुकसान पहुँचाया है; सुरक्षा दीवारें ढहने से घरों को गंभीर खतरा पैदा हुआ है ।
🚧 व्यापक सड़क बंदी: कुल मिलाकर 28 मार्ग प्रभावित
- ग्रामीण और सीमांत क्षेत्रों में 28 सड़कें बंद पड़ी हैं, जिनमें चीन सीमा से जुड़ने वाले मार्ग भी शामिल हैं ।
- विभिन्न मार्गों में मलबा, पत्थर, बोल्डर एवं बड़े चट्टानें गिरने से यातायात ठप हुआ है, जैसे: बंगापानी–जाराज़िबली, मुनस्यारी–हरकोट मार्ग, डीडीहाट–आदिचौरा–कुणिया मार्ग आदि
🏠 मकानों में उत्पन्न खतरे
- मदरमा ग्राम में घरों को खतरे की चेतावनी दी गई है—भूस्खलन के चलते सुरक्षा दीवारें गिरने से परिवार प्रभावित हुए हैं और मुआवजे की मांग उठी है ।
- पिथौरागढ़,चंपावत एवं आसपास के क्षेत्रों में चट्टानों के गिरने व भूकटाव से कई मकानों में दरारें दिखाई देने लगीं। विशेषकर उडियारी, काँडे और क्वीतड़ जैसे क्षेत्रों में भारी मलबा गिरने से खतरा बना हुआ है ।
🛰️ पिथौरागढ़ पर बिगड़ती आपदा तस्वीर
- जिले में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन बाधित कर दिया है: बाजार सूने, बिजली सप्लाई बाधित रही, सड़कों पर भारी मलबा जमा हुआ, वाहन फंसे और मकानों की सुरक्षा दीवारें क्षतिग्रस्त हुईं ।
- बारिश रिकॉर्ड: थल में 180 मिमी, धारचूला में 86 मिमी, तेजम में 75 मिमी, डीडीहाट में 47.5 मिमी, बेड़ीनाग में 130 मिमी बारिश दर्ज हुई – जिससे रामगंगा रैवफान जैसे हालात उत्पन्न हो गए
🛑 प्रशासनिक तैयारी और सैन्य प्रयास
- सड़कों पर बसे मलबे को हटाने और बंद मार्गों को खोलने के लिए जेसीबी और श्रमिक मदद तैनात की गई है ।
- प्रभावित आदिवासियों के लिए विस्थापन सहायता राशि 10.72 लाख रुपये स्वीकृत की गई है, जिससे तीन परिवारों को राहत मिलने वाली है ।
🔚 निष्कर्ष
पिथौरागढ़ में भारी बारिश ने भूस्खलन, सड़कों की बंदी, मकानों के क्षतिग्रस्त होने और जनजीवन में बड़े व्यवधान की स्थिति पैदा की है। प्रशासन द्वारा राहत व पुनर्स्थापना प्रक्रिया जोरो पर जारी है, लेकिन मुआवजा, सड़क बहाली और खतरनाक मकानों के निराकरण के लिए तत्काल कार्यवाही आवश्यक है।

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