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| नहीं रहे दिशोम गुरुजी |
पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन: झारखंड में 3 दिन का राजकीय शोक, नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
- शिबू सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक व पूर्व मुख्यमंत्री, 4 अगस्त 2025 को सुबह 8:56 बजे दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में 81 वर्ष की आयु में निधन हो गए। जैसा कि उनके बेटे और वर्तमान मुख्यमंत्री, हेमंत सोरेन ने पुष्टि की।
- अस्पताल का बयान बताता है कि शिबू सोरेन को 19 जून 2025 से किडनी संबंधी गंभीर समस्याओं, मधुमेह, हृदय एवं हाल ही में हुए स्ट्रोक के इलाज के तहत रखा गया था। उन्हें लगभग एक महीने से लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था।
झारखंड सरकार का आधिकारिक बयान: ३‑दिन का राजकीय शोक
- राज्य सरकार ने 4 से 6 अगस्त 2025 तक तीन-दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की। इस दौरान झारखंड में सभी सरकारी कार्यालय 4 और 5 अगस्त को बंद रहे, झंडे आधा झुके और कोई सरकारी आयोजन नहीं हुआ। विधानसभा सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।
- विधानसभा में “शिबू सोरेन अमर रहें” जैसे नारे लगे, और सदस्य मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी।
राजनेताओं की प्रतिक्रियाएँ और श्रद्धांजलि
- हेमंत सोरेन ने कहा:
“आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूँ…” - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एक “जमीनी नेता” बताया, जिन्होंने आदिवासी और दलित समाजों के उत्थान के लिए जीवन भर संघर्ष किया।
- अन्य नेताओं जैसे गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, कांग्रेस नेता Mallikarjun Kharge और Priyanka Gandhi सहित विभिन्न समुदायों ने भी गहरी संवेदना व्यक्त की।
जीवन परिचय और विरासत
- शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 (राँची जिला, वर्तमान झारखंड) में सांताल आदिवासी समुदाय में हुआ था। उन्होंने 1973 में JMM की स्थापना के साथ आदिवासी अधिकारों की लड़ाई का बीड़ा उठाया।
- वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री, आठ बार लोकसभा सांसद और दो बार राजयसभा सांसद रहे (दूसरा कार्यकाल चालू था)।
- उनका राजनीति में योगदान झारखंड आंदोलन, भूमि एवं जंगल अधिकारों की रक्षा और आदिवासी कल्याण के लिए यादगार रहेगा।
- 2019 में उनके निर्वाचन हलफ़नामे के अनुसार उनकी कुल परिसंपत्तियाँ लगभग ₹7.52 करोड़ और देनदारियाँ ₹2.28 करोड़ थीं—नेट वर्थ करीब ₹5.24 करोड़।
पुष्टियों का सारांश
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विषय |
विवरण |
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निधन तिथि एवं समय |
4 अगस्त 2025, सुबह 8:56 बजे, दिल्ली का सर गंगाराम अस्पताल |
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आयु |
81 वर्ष |
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कारण |
दीर्घकालीन किडनी रोग, स्ट्रोक, मधुमेह, हृदय संबंधी जटिलताएँ |
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राजकीय शोक |
4–6 अगस्त, 4 और 5 अगस्त को कार्यालय बंद, झंडे आधा झुके, विधानसभा स्थगित |
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मुख्य प्रतिक्रियाएँ |
हेमंत सोरेन, PM मोदी, अन्य केंद्रीय एवं राज्य नेता |
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राजनीतिक विरासत |
आदिवासी, भूमि व सामाजिक न्याय का जनक; झारखंड आंदोलन का अग्रदूत |
निष्कर्ष: शोक, सम्मान और विरासत
शिबू सोरेन का जाना झारखंड और भारतीय राज्य की राजनीति में एक युग का अंत है। आदिवासी अधिकारों के लिए उनकी लड़ाई ने राज्य की पहचान को आकार दिया। तीन दिवसीय राज्य शोक, नेताओं की संवेदनाएँ और जनता का दुख—ये सभी उनकी जीवन यात्रा और योगदान के गवाह है ।

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