🔔 1 अगस्त से लागू हो गया नया अमेरिकी टैरिफ
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त 2025 से भारत से आयातित सभी वस्तुओं पर 25% टैरिफ लागू करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने भारत की रूस से तेल और रक्षा खरीददारी पर एक अतिरिक्त अस्पष्ट “penalty” भी जोड़ दी है ।
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में भारत को अभी भी “friend” बताया, लेकिन यह भी कहा कि भारत के टैरिफ बहुत अधिक हैं और यह कदम “america last” व्यापार संतुलन सुधारने के लिए लिया गया है ।
📉 भारतीय बाज़ार और आर्थिक प्रभाव
- मूल्य प्रभाव: Nifty 50 में लगभग 0.3–0.6% की गिरावट दर्ज हुई, जबकि Sensex भी लगभग 0.64% नीचे गया। छोटे और मिड-कैप इंडेक्स में भी 0.6–0.9% की गिरावट आई है ।
- सेक्टर आधारित प्रभाव: टेक्सटाइल, फार्मा, ऑटो पार्ट्स, ज्वैलरी जैसे श्रम-गहन उद्योगों पर सबसे अधिक असर होने का अनुमान है ।
- मुद्रा पर दबाव: रुपये में गिरावट दर्ज की गई, जिससे अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा कमजोर हुई है ।
- कुछ कंपनियों जैसे Welspun Living, Vardhman Textiles, KPR Mills के शेयरों में 3–6% की गिरावट आई, जबकि Navin Fluorine, Sagility India, और Jio Financial Services जैसे कुछ अन्य में बढ़त भी दर्ज हुई ।
🇮🇳 भारत की प्रतिक्रिया: नीति, संदेश और रणनीति
- Commerce Minister Piyush Goyal ने कहा कि भारत अपनी राष्ट्रीय हित सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा और “dead economy” टिप्पणी को सिरे से खारिज किया गया है ।
- कांग्रेस सांसद Shashi Tharoor ने कहा कि भारत के पास विकल्प हैं और आवश्यक हो तो समझौता छोड़ भी सकता है, ताकि देश की संप्रभुता बनी रहे ।
🌐 वैश्विक संदर्भ और रणनीतिक परिदृश्य
- अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि भारत के साथ व्यापार समझौता सहजता से नहीं हो पाएगा, क्योंकि दोनों देशों में भू-राजनीतिक मुद्दों के चलते गहरी असहमति बनी हुई है, जैसे BRICS में भारत की भागीदारी एवं रूस से ऊर्जा खरीदीदारी ।
- Reuters Breakingviews ने लिखा कि यह टैरिफ भारत को “China‑plus‑one” रणनीति में रोक सकता है, लेकिन अभी भी वैश्विक कंपनियों के लिए भारत आकर्षक गंतव्य बना हुआ है ।
- अमेरिका अन्य देशों (जैसे कनाडा, ब्राज़ील, दक्षिण कोरिया) पर भी अलग-अलग उच्च टैरिफ लागू कर रहा है, भारत को 25% की दर सैद्धांतिक रूप से सबसे अधिक दंडात्मक दी गई है ।
⚖️ कानूनी जटिलताएं: क्या ट्रंप का कदम कोर्ट में टिकेगा?
- पहले की व्यवस्थाओं के तहत लागू किए गए ‘Liberation Day’ टैरिफ को अमेरिकी कोर्ट ने अवैध करार दिया था, बतौर उदाहरण यह दिखाता है कि ट्रंप प्रशासन की ट्रेड पॉलिसी कानूनी चुनौतियों के अधीन है ।
- हाल में Trade Review Act of 2025 सैनेट में पेश हुआ, जिसका उद्देश्य राष्ट्रपति की एकतरफा टैरिफ शक्ति को सीमित करना है ।
🔮 भविष्य के रास्ते: भारत के विकल्प
- व्यापार वार्ता को पुनर्जीवित करें: अमेरिका और भारत पहले से ही वार्ता कर रहे हैं, मध्य अगस्त तक समझौता संभवता सामने आ सकता है ।
2. निर्यात बाजारों का विविधीकरण: भारत को अन्य देशों (जैसे यूरोप, ASEAN, अफ्रीका) में निर्यात बढ़ाने की दिशा में कदम तेजी से उठाने होंगे।
3. घरेलू उद्योगों का समर्थन: विशेषकर MSME, फार्मा, टेक्सटाइल एवं रत्न जैसे क्षेत्रों को सब्सिडी, लॉजिस्टिकर्ता सहायता और मार्केट एक्सपोजर देना आवश्यक होगा।
4. वैश्विक मंचों का उपयोग: भारत WTO या अन्य मंचों पर अमेरिका के इस कदम को चुनौती दे सकता है, विशेषकर जब इसका स्वरूप असंवैधानिक या राजनीतिक हो ।
📌 निष्कर्ष
आज 1 अगस्त 2025 से भारत पर लागू होने वाले अमेरिकी 25% टैरिफ और अतिरिक्त penalty ने व्यापार, आर्थिक विकास और रणनीतिक संबंधों में नए तनाव खड़े कर दिए हैं। अर्थशास्त्रियों के अनुसार, यह कदम विशेष रूप से श्रम-गहन उद्योगों और MSME क्षेत्रों को प्रभावित करेगा।
भारत सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वह समान हित, आत्मनिर्भरता और विकास की राह पर आगे बढ़ते हुए किसी भी अनुचित दबाव को टालने में सक्षम है।
जल्द वार्ता, नीति दृढ़ता और वैश्विक सहयोग ही इस युद्धपूर्ण आर्थिक वातावरण से भारत की रक्षा कर सकता है।

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