वसंतकुंज आश्रम संचालक पर गंभीर आरोप 17 छात्राओं से छेड़छाड़ का मामला
दिल्ली के वसंतकुंज स्थित एक प्रसिद्ध आश्रम के संचालक स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर 17 छात्राओं से छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगा है। छात्राओं की शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर उसकी वोल्वो कार जब्त कर ली है, जिस पर एंबेसी का फर्जी नंबर प्लेट लगा था। आरोपी फिलहाल फरार है और उसकी आखिरी लोकेशन आगरा में मिली है। आश्रम प्रबंधन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे बाहर कर दिया है। पुलिस की कई टीमें आरोपी की तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं। यह मामला आश्रमों में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े करता है।
दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के वसंतकुंज इलाके में स्थित एक नामी आश्रम से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के संचालक स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर 17 छात्राओं से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब पीड़ित छात्राओं ने साहस जुटाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर वसंतकुंज (नार्थ) थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
प्रारंभिक जांच में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि आरोपी महंगी वोल्वो कार में घूमता था और उस पर एंबेसी का नंबर प्लेट लगाता था, जिससे वह लोगों को भ्रमित कर सके। पुलिस ने उस कार को जब्त कर लिया है। साथ ही आरोपी की तलाश में कई जगह दबिश दी जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसकी आखिरी लोकेशन आगरा में ट्रेस की गई है, जहां से उसके आगे बढ़ने की आशंका है।
सूत्रों का कहना है कि जब आश्रम प्रबंधन को इस घटना की जानकारी हुई तो तुरंत प्रभाव से आरोपी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। आश्रम की छवि खराब न हो, इसके लिए प्रबंधन ने खुद को उससे पूरी तरह अलग कर लिया है। फिलहाल आश्रम प्रशासन पीड़िताओं के साथ खड़ा है और पुलिस की हर संभव मदद करने की बात कह रहा है।
यह मामला सिर्फ एक आश्रम या संचालक तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के उस पहलू को उजागर करता है जहां धार्मिक या आध्यात्मिक पहचान की आड़ में मासूमों का शोषण किया जाता है। अभिभावकों का कहना है कि जिन बच्चों को संस्कार और शिक्षा देने का दावा किया गया था, वहां उनकी बेटियां असुरक्षित रहीं। यही कारण है कि अब लोग आश्रमों और गुरुकुलों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह एक संवेदनशील मामला है। चूंकि इसमें नाबालिग छात्राओं के बयान शामिल हैं, इसलिए जांच बेहद सावधानी और कानूनी प्रक्रिया के तहत की जा रही है। पीड़ित छात्राओं के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए जाएंगे ताकि केस मजबूत हो सके। साथ ही, साइबर और लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए आरोपी की तलाश तेज कर दी गई है।
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गुस्सा है। उनका कहना है कि आश्रम को आध्यात्मिक शिक्षा का केंद्र समझा जाता था, लेकिन वहां इस तरह की हरकतों ने विश्वास तोड़ दिया। लोगों की मांग है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा दुस्साहस न कर सके।
समाजशास्त्रियों का मानना है कि ऐसे मामलों में केवल आरोपी को सजा देना ही पर्याप्त नहीं है। आश्रमों और निजी शिक्षण स्थलों की नियमित जांच-पड़ताल भी जरूरी है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। धार्मिक या आध्यात्मिक पहचान किसी को कानून से ऊपर नहीं बना सकती।
फिलहाल, पुलिस टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं और आशंका है कि आरोपी जल्द गिरफ्त में आ सकता है। यह मामला एक बड़ी चेतावनी है कि जिन संस्थानों पर समाज आंख मूंदकर भरोसा करता है, वहां भी सतर्क रहना जरूरी है।

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