गाजियाबाद में पुलिस और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शहर के पॉश इलाके इंदिरापुरम की एक आलीशान कोठी में फर्जी दूतावास चलाया जा रहा था। यहां फर्जी राजनयिक अधिकारी, झूठी विदेश मंत्रालय की मुहरें, और नकली पासपोर्ट जारी करने वाले दस्तावेज बरामद किए गए।
🕵️♂️ कैसे हुआ खुलासा?
सूत्रों के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों को कुछ महीनों से इस कोठी में असामान्य गतिविधियों की सूचना मिल रही थी। जब पुलिस और ATS की टीम ने मौके पर छापा मारा, तो अंदर का नज़ारा देखकर अधिकारी दंग रह गए।
कोठी के अंदर “दूतावास ऑफ जंबोलीया” नाम का बोर्ड लगा था, जो किसी काल्पनिक देश का नाम प्रतीत होता है। अंदर बैठे व्यक्ति ने खुद को “राजदूत” बताया और वहां विदेशी झंडे, मोहरें और नकली दस्तावेजों का जखीरा मिला।
📂 क्या-क्या मिला?
- विदेश मंत्रालय की नकली मुहरें
- डिप्लोमैटिक पासपोर्ट की प्रतियां
- विदेशी वीजा स्टिकर
- डॉलर व यूरो में नकदी
- जाली लेटरहेड्स और ID कार्ड्स
🧑💼 फर्जी राजदूत कौन है?
गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान राकेश शर्मा उर्फ रॉनी के रूप में हुई है। पूछताछ में उसने बताया कि वह खुद को जंबोलीया देश का राजदूत बताकर कई लोगों को वीजा, नौकरी और विदेशी निवेश के नाम पर ठग चुका है।
⚖️ कानूनी धाराएं और केस दर्ज
गाजियाबाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (फर्ज़ी दस्तावेज बनाना), 471 (नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल), और विदेशी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
अब NIA और IB भी मामले की जांच में शामिल हो गई हैं, क्योंकि इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर की साजिश की आशंका जताई जा रही है।
🗨️ प्रशासन ने क्या कहा?
गाजियाबाद SSP का कहना है:
“यह एक सुनियोजित रैकेट है जो विदेशी नागरिकों और भारतीयों को फर्जी दस्तावेजों के दम पर धोखा देता था। यह देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता था।”
🌍 क्या था मकसद?
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि आरोपी लोगों को अफ्रीकी और यूरोपीय देशों के नकली वीजा देकर मोटी रकम वसूलता था। साथ ही ‘डिप्लोमैटिक स्टेटस’ दिलाने के नाम पर VIP सुरक्षा, गाड़ी पास और गवर्नमेंट नेटवर्क में घुसपैठ की कोशिश करता था।
📌 Garun News निष्कर्ष:
गाजियाबाद में पकड़ा गया यह फर्जी दूतावास देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकता था। यह केस बताता है कि जालसाज अब कितनी चालाकी से संवैधानिक प्रतीकों और सरकारी संस्थाओं की छवि का दुरुपयोग कर रहे हैं।

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